नाम

अपने नाम का अर्थ
जानता समर्थ
पर उसके अर्थ का अनर्थ
कर देता है व्यर्थ
संभवतय आशय

नाम के गुण जान
मात पिता स्वजन
रखते है बच्चे का नाम
चाहते हुए उसमे भी
आए गुण नाम
कह सकते हैं इसे
नामकरण का ध्येय

अपना नाम सार्थक करना
संभव नहीं बिन नामार्थ ज्ञान
पर जो मिलते है नाम
व्यक्ति की प्रवृत्ति को जान
उसे पूरक सिद्ध करने में
आवश्यक नहीं प्रयास महान

गुरु ज्ञानी विद्वान
ढोर ढक्कन गवार
लोग देते है ऐसे नाम
व्यक्ति का सामर्थ्य जान ।

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