Monthly Archives: April 2019

शब्द

मेरे पास शब्द है, मूक नही सशक्त है, सब कुछ स्पष्ट है, यह असत्य नही सत्य है। मेरे पास… निर्भीक और तटस्थ है, निर्दोष सभी आश्वस्त है, आरोपियों के दिन अब अस्त है, न्याय का मार्ग प्रशस्त है। मेरे पास… … Continue reading

Posted in Poetry, Writing | Tagged , , | Leave a comment

थम

थम जा ऐ हवा मत बह थम ओ नदी यूँ न मचल क्या तुम्हे नही खबर, सहमी सी है आज वो जो ऐसे ही कभी मचलती हुई बहती थी। लिया था जकड़ उसकी बेपरवाह लहर को किसी ओछी समझ ने। … Continue reading

Posted in Poetry, Writing | Tagged , | Leave a comment